देवभूमि में रविवार को चंद्रग्रहण के कारण दोपहर 12:58 बजे चारों धाम के मंदिरों के कपाट बंद

उत्तराखंड देवभूमि में रविवार को चंद्रग्रहण के कारण दोपहर 12:58 बजे चारों धाम के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। ग्रहणकाल के दौरान सांयकालीन आरती भी स्थगित रहेगी। सोमवार को गर्भगृह की साफ-सफाई और अन्य धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के बाद पूजा-अर्चना और दर्शन पुनः प्रारंभ हो जाएंगे।

बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले से सूतक काल शुरू हो गया है। इसी कारण पंचकेदार के गद्दीस्थल जैसे ओंकारेश्वर मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, त्रियुगीनारायण, कालीमठ सहित अन्य प्रमुख मंदिरों के कपाट ग्रहण काल तक बंद रखे गए हैं।

बदरीनाथ के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि चंद्रग्रहण रविवार रात 9:56 बजे प्रारंभ होगा। बदरीनाथ, केदारनाथ के साथ-साथ नृसिंह मंदिर (ज्योतिर्मठ), योग बदरी (पांडुकेश्वर) और भविष्य बदरी समेत सभी मंदिर सूतक और ग्रहण काल के दौरान बंद रहेंगे।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट भी सोमवार सुबह तक बंद रहेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी और गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि सभी धामों के कपाट सूतक काल के अनुसार बंद किए गए हैं।

हरिद्वार में रविवार दोपहर ही गंगा आरती कर दी गई, ताकि ग्रहण के दौरान कोई धार्मिक अनुष्ठान प्रभावित न हो। इसके बाद हरिद्वार के सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं। सोमवार को पुनः सभी मंदिरों में आरती और पूजा का आयोजन होगा।

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