ग़ज़ब है शिक्षा विभाग आठ साल तक लागू शासनादेश गायब

देहरादून: शिक्षा विभाग में आठ साल तक लागू शासनादेश गायब होने से हड़कंप मचा है। इस शासनादेश के तहत वर्ष 2001 से 2008 के बीच हजारों शिक्षकों को तदर्थ पदोन्नति दी गई थी, लेकिन अब वह दस्तावेज़ विभाग में मिल नहीं रहा है। मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने इस मामले में शिक्षा महानिदेशक और निदेशक को तीन महीने के अंदर गायब शासनादेश को पुनः तैयार करने और संबंधित कर्मियों के खिलाफ विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

नैनीताल जिले के धारी ब्लॉक निवासी पुष्पेश सांगा ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इस शासनादेश और उससे जुड़ी नियमावली की प्रमाणित प्रतियां मांगने सहित कुल दस बिंदुओं पर सूचना मांगी थी। सूचना न मिलने पर उन्होंने सूचना आयोग का रुख किया। सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग ने बताया कि निदेशालय के बार-बार शिफ्ट होने के कारण शासनादेश की पत्रावली गायब हो गई है।

मुख्य सूचना आयुक्त राधा रतूड़ी ने अपने आदेश में कहा कि इस दस्तावेज़ के न मिलने से तदर्थ पदोन्नतियों की वैधता पर सवाल उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि तदर्थ पदोन्नतियों के बाद शिक्षकों को मौलिक पदोन्नति भी दी गई है, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ जाती है।

आयुक्त ने निर्देश दिया है कि तीन महीने के भीतर इस मामले की पूरी रिपोर्ट शासन को दी जाए और गायब दस्तावेज़ की पुनः तैयारी की जाए। साथ ही, इस मामले में संबंधित अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता पुष्पेश सांगा इस संबंध में कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।

आदेश की एक प्रति एसएसपी देहरादून को भी भेजी गई है, ताकि यदि कोई मुकदमा दर्ज किया जाता है तो पुलिस उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे।

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