देहरादून 15 मार्च। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज का कहना हैं की वर्ष 2024 में कुल 4 ग्रहण लगेंगे जिसमें 2 चंद्र ग्रहण होंगे जबकि 2 सूर्य ग्रहण होंगे। साल का पहला ग्रहण 25 मार्च को लगेगा जो चंद्र ग्रहण होगा। 25 मार्च को चंद्र ग्रहण लगने पर चंद्रमा कन्या राशि में मौजूद होंगे जहां पर पहले से राहु विराजमान होंगे। इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान होली का त्योहार मनाया जाएगा। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि हिंदी पंचांग के मुताबिक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी सोमवार 25 मार्च 2024 को चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण कन्या राशि में लगेगा। साल का पहला चंद्रग्रहण सुबह 10:23 मिनट से शुरू हो जाएगा जो दोपहर 03:02 मिनट तक रहेगा। हालांकि इस चंद्र ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा जिस कारण से इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्से, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली, जर्मनी, फ्रांस, हॉलैंड, बेल्जियम, दक्षिणी नॉर्वे और स्विट्जरलैंड में दिखाई देगा। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2024 में चार ग्रहण लगेंगे। पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 25 मार्च को लगने जा रहा है। वहीं दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगेगा। इसके अलावा पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल और दूसरा सूर्य ग्रहण बुधवार 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है।
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि रविवार 24 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा और सोमवार 25 मार्च को धुलंडी यानी रंगों से होली खेली जायेगी। 25 मार्च को ही प्रातः 10:23 से दोपहर 3:02 तक चंद्र ग्रहण रहेगा। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि पंचांग की गणना के मुताबिक साल 2024 में होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा और इसी दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को रात 09:57 मिनट से आरंभ हो जाएगी जिसका समापन 25 मार्च को रात्रि के 12:32 मिनट पर होगा। इस तरह से 25 मार्च को चंद्र ग्रहण के साए में होली का त्योहार मनाया जाएगा।
डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि नए साल का पहला चंद्र ग्रहण होगा, जो 25 मार्च 2024 को लगेगा। यह ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा और इसका भी सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से होकर गुजरता है। इस दौरान ग्रहण काफी कमजोर होगा, जिस कारण इसे पूर्ण या आंशिक ग्रहण की तुलना में नग्न आंखों से देखना कठिन हो जाता है। चंद्रमा गहरी छाया में प्रवेश नहीं करता। यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से, अफ्रीका के कुछ हिस्से उत्तर और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। इसके अतिरिक्त प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखेगा।
चंद्र ग्रहण समय: प्रातः काल 10: 23 मिनट से लेकर दोपहर 03: 02 मिनट तक है
चंद्र ग्रहण की कुल अवधि: 04 घंटे 36 मिनट तक