आज 1 जुलाई से लागू होंगे भारत के नए आपराधिक कानून: क्या बदल रहा है?

 

1 जुलाई 2024 से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। ब्रिटिश काल के तीन पुराने कानून—भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Evidence Act)—अब इतिहास की किताबों में समा जाएंगे। इनकी जगह तीन नए कानून लाए जा रहे हैं: **भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita)**, **भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita)**, और **भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Bharatiya Sakshya Adhiniyam)**। आइए जानें, इन नए कानूनों के साथ कौन-कौन सी नई बातें होंगी:

#### **1. जीरो एफआईआर: अब कोई भी एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज करवा सकेंगे!**

पहले अगर अपराध आपकी थाना सीमा से बाहर हुआ था, तो एफआईआर दर्ज करने में काफी दिक्कतें आती थीं। लेकिन अब आप किसी भी थाने में अपनी एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं, जिससे त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

#### **2. वीडियो साक्ष्य: अपराध स्थल की वीडियोग्राफी होगी अनिवार्य!**

अब गंभीर अपराधों की जांच के दौरान अपराध स्थल की वीडियोग्राफी की जाएगी। इससे साक्ष्यों की सटीकता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

#### **3. अभियुक्तों के अधिकार: न्याय की ओर एक नया कदम!**

नए कानूनों के तहत, अभियुक्त को जमानत के मामलों में त्वरित सुनवाई का अधिकार होगा, और आपत्ति के मामलों में दो ही बार कार्यवाही को स्थगित किया जा सकेगा।

#### **4. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध: सख्त सजा और नई सुरक्षा**

बलात्कार के मामलों में पीड़िताओं के बयान अब केवल महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ही दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा, अपराध के मेडिकल रिपोर्ट को 7 दिन के भीतर जमा करना अनिवार्य होगा।

#### **5. संगठित अपराध और आतंकवाद: नई परिभाषा और नए दंड**

संगठित अपराध और आतंकवाद को नई परिभाषाओं में ढाला गया है। साथ ही, देशद्रोह की जगह ‘राजद्रोह’ शब्द को लागू किया जाएगा।

#### **6. खोज और जब्ती की कार्रवाई: अब हर कदम की होगी वीडियोग्राफी**

अब सभी खोज और जब्ती की कार्रवाइयों की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी, जिससे हर कदम पर पारदर्शिता बनी रहेगी।

#### **7. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा: नए प्रावधान**

बच्चों की खरीद-फरोख्त को घातक अपराध माना जाएगा और नाबालिग के सामूहिक बलात्कार के मामलों में उम्रकैद या मौत की सजा का प्रावधान होगा।

#### **8. कानूनी प्रक्रिया में तेजी: 45 दिन में फैसला, 60 दिन में आरोप**

नए कानूनों के तहत, क्रिमिनल ट्रायल के पूरा होने के 45 दिनों के भीतर फैसला और पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

#### **9. ऑनलाइन शिकायतें और समन्स: डिजिटल कानूनी प्रक्रिया**

अब आप पुलिस शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं और समन्स भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजे जा सकेंगे, जिससे कानूनी प्रक्रियाएं तेज़ और सुविधाजनक होंगी।

#### **10. गवाहों की सुरक्षा: नई योजनाओं का आगाज़**

राज्य सरकारों को गवाहों की सुरक्षा के लिए नई योजनाओं को लागू करना होगा, ताकि न्याय प्रक्रिया में गवाहों की भूमिका मजबूत हो सके।

#### **11. संविधान के सिद्धांतों के अनुसार: उपनिवेशी कानूनों की विदाई**

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ये नए कानून भारतीय संसद द्वारा भारतीयों के लिए बनाये गए हैं, और ये उपनिवेशी काल के कानूनों का अंत करते हैं।

#### **12. डिजिटल कोर्ट: कानूनी कार्यवाही होगी ऑनलाइन**

अब कानूनी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की जाएंगी, जिससे कामकाज में तेजी आएगी और कागजी कार्यवाही में कमी आएगी।

**ये बदलाव भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था को और भी बेहतर और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।**

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