उत्तराखंड में नए खनन निदेशक की जिम्मेदारी शासन ने तेज तर्रार अधिकारी राजपाल लेघा को सौपी

देहरादून। उत्तराखंड में नए खनन निदेशक की जिम्मेदारी शासन ने तेज तर्रार  ईमानदार अधिकारी राजपाल लेघा को सौंप दी है। श्री लेघा कल तक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय उत्तराखंड में प्रभारी निदेशक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। आज़ 1 जुलाई 2024 को निदेशक खनन उत्तराखण्ड की कमान सौंप दी गई हैं। यह आदेश खनन सचिव बृजेश कुमार संत ने जारी किया है।

राजपाल लेघा ने अपना कार्यभार ग्रहण कर कर्मचारियों के साथ बैठक कर कई निर्णय लिए हैं। लेघा ने कहा की राज्य हित में कई कठोर निर्णय लिए जाएंगे जिससे प्रदेश का खनन उचित दिशा में जा सकें।श्री लेघा का चयन सन 2008 में उत्तराखंड के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग देहरादून में हुआ। देहरादून मुख्यालय में प्रशिक्षण के बाद उन्हें फील्ड में ट्रैंनिंग दी और फिर 2009 में जिला खनन अधिकारी नैनीताल का चार्ज सौपा गया। सन 2008 में खनिज एवं भूतत्व विभाग में भर्ती के बाद राजपाल लेघा की पहली पोस्टिंग सन 2009 में नैनीताल ज़िलें में हुई। जहाँ पर उन्होंने जिला खनन अधिकारी के पद पर सबसे पहले खनन को व्यवस्थित करने के लिए खनन से जुड़े कारोबारियों जैसे माध्यम कारोबारी स्टॉकिस्ट, स्टोन क्रेशर एसोसिएशन, और खनन विभाग से जुड़े अन्य विभागो से सामंजस्य बैठकर स्थानीय स्तर पर गौला के उपखनिज की मात्रा बढ़ाने में सहयोग किया। इसका नतीजा हुआ कि मकान निर्माण करने वाले स्थानीय लोगों को सस्ते दाम पर रेता बजरी उपलब्ध हो सका। इसी कारण से पहली बार विभाग को 165 करोड़ का राजस्व मिला जो अब तक का सबसे बड़ा राजस्व रहा है।

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