
पिथौरागढ़ 09 जुलाई 2025,
कैलाश मानसरोवर यात्रियों का दूसरा जत्था टनकपुर से अपराह्न 02:00 बजे रवाना होकर कुमाऊं मण्डल विकास निगम के गेस्ट हाउस पिथौरागढ़ पहुंचा। जिसमें कुल 48 श्रद्धालु शामिल है।
कैलाश मानसरोवर यात्रियों के जनपद पिथौरागढ़ पहुंचने पर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी द्वारा उनका स्वागत किया गया। सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग में पंजीकृत दल प्रकाश रावत एंड पार्टी द्वारा छोलिया नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति के साथ दूसरे दल का पारंपरिक उल्लास से किया अभिनंदन, पिथौरागढ़ में कैलाश मानसरोवर यात्रा-2025 के दूसरे दल का बुधवार को जिला प्रशासन ने पारंपरिक रीति-रिवाजों से उत्साह के साथ भव्य स्वागत किया गया। पर्यटन आवास गृह पिथौरागढ़ परिसर में ढोल-दमऊ और बम-बम भोले के जयघोष से गूंज उठा।
श्रद्धालु यात्रियों का आत्मीय अभिनंदन छोलिया नृत्य दल की मनमोहक प्रस्तुति के साथ किया गया, वहीं पारंपरिक परिधान में सजी महिलाओं ने तिलक और आरती कर, पुष्पवर्षा तथा
फूलमालाएं पहनाकर यात्रियों का स्वागत किया। स्वागत समारोह में आध्यात्मिकता और लोकसंस्कृति का सुंदर समागम देखने को मिला, इस दौरान यात्रियों द्वारा कुमाऊनी ढोल की थाप पर नृत्य भी किया गया। दूसरे दल में कुल 48 यात्री शामिल है, इन यात्रियों ने पिथौरागढ़ पहुंचकर यात्रा को यादगार बताया।
बता दें कि जत्थे में 48 श्रद्धालु शामिल थे। इसमें 34 पुरुष और 14 महिला श्रद्धालु शामिल थे। जत्थे में दिल्ली की पूर्व सांसद मीनाक्षी लेखी भी शामिल रहीं।
जत्थे में सबसे अधिक गुजरात
और कर्नाटक के 6-6 श्रद्धालु शामिल थे। इसी तरह दिल्ली और राजस्थान से 5-5, महाराष्ट, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से र 4-4, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु से 3-3, मध्य प्रदेश, पंजाब और तेलगांना से 2-2 और आसाम व झारखंड से 1-1 श्रद्धालु शामिल रहा। जत्थे में सबसे अधिक उम्र के श्रद्धालु 70 वर्षीय गुजरात के हर्षवदन हरिप्रसाद मेहता रहे,
जबकि सबसे कम उम्र के श्रद्धालु आंध्र प्रदेश के 28 वर्षीय चैतन्य कुमार इमाडिसेटी और किंजल गिरीशभाई हडवानी शामिल रहीं। भोले बाबा के दर्शन को श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिला।
इस अवसर पर लाइजनिंग ऑफिसर अपर जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह,उपजिलाधिकारी सदर मनजीत सिंह, तहसीलदार विनोद गोस्वामी,जिला पर्यटन विकास अधिकारी कीर्ति आर्या आदि उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त यह भी बताना है कि प्रथम कैलाश मानसरोवर यात्रियों का दल नाभीढांग में ॐ पर्वत के दर्शन भी कर चुके है।
