नैनीताल। हल्द्वानी में 8 फरवरी 2024 को हुई बनभूलपुरा हिंसा के दौरान गोली लगने से हुई फईम की मौत के मामले में अब एसआईटी जांच करेगी। उत्तराखंड हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के बाद विशेष जांच टीम (SIT) से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने वर्तमान जांच अधिकारी नीरज भाकुनी का जिले से तबादला करने का आदेश भी दिया है।
इस मामले की निगरानी हाईकोर्ट स्वयं करेगा। कोर्ट ने पूर्व में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि जांच अधिकारी खुद ही जांच कर रहा है और वही इस मामले की अंतिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर रहा है। यह जांच प्रक्रिया संदेहास्पद और असामान्य प्रतीत होती है, खासकर तब जब इस मामले में हत्या जैसे गंभीर आरोप लगे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान मृतक फईम के भाई परवेज द्वारा दायर याचिका पर विचार किया गया। याचिकाकर्ता ने बताया कि 6 मई 2024 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नैनीताल ने पुलिस को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने और रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था, लेकिन पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई जांच शुरू की।
परवेज ने याचिका में मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराई जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए। याचिकाकर्ता का कहना है कि फईम की मौत हिंसा की भीड़ का हिस्सा बनने से नहीं, बल्कि अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारे जाने से हुई थी।
परिजनों का आरोप है कि उन्होंने कई बार पुलिस और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी सुनवाई नहीं की। अंततः उन्होंने न्यायालय की शरण ली। कोर्ट के ताजा आदेश के अनुसार अब एसआईटी इस मामले की जांच करेगी और इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी।
