एम्स ऋषिकेश में एक 34 वर्षीय रोगी के लीवर में कैंसर की वजह से ट्यूमर बन गया था। उन्हें पिछले 3 महीने से लगातार बुखार था और हालत दिन-प्रतिदिन नाजुक हो रही थी। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति के समाधान के लिए एम्स के चिकित्सकों ने रोबोटिक सर्जरी तकनीक का उपयोग करके उनका इलाज किया। यह पहली बार था जब उत्तराखंड में किसी मरीज के लीवर में बने ट्यूमर के इलाज के लिए रोबोटिक सर्जरी का उपयोग किया गया।
रोगी के इलाज की विस्तृत जांच के बाद एम्स के चिकित्सकों ने त्वरित आराम दिलाने के लिए लीवर रिसेक्शन सर्जरी का निर्णय लिया। पहले रोबोटिक सहायता से मरीज की सर्जरी की गई, जिसमें लीवर के गंभीर हिस्से को सावधानीपूर्वक अलग किया गया। इस सर्जरी में बहुत निकट रक्त वाहिकाओं के कारण रोबोटिक तकनीक से की गई सर्जरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर( डॉ.) मीनू सिंह ने सर्जरी की सफलता की सराहना की और इसे असाधारण कौशल और प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। रोबोटिक सर्जरी से रोगी की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित किया गया और उन्हें 5 दिनों में ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस उपकरण से जटिलतम स्थानों की सर्जरी भी की जा सकती है और रोगी की रिकवरी को बढ़ावा दिया जा सकता है।