
देहरादून। भूकंप से बचाव को लेकर प्रदेशभर में आज व्यापक मॉक ड्रिल की शुरुआत हो गई। पहाड़ से लेकर मैदान तक 80 से अधिक स्थानों पर यह अभ्यास चल रहा है। खास बात यह है कि इस बार ड्रिल में डिजिटल ट्विन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसके माध्यम से किसी स्थान या भवन की वर्चुअल प्रति बनाकर वास्तविक परिस्थितियों जैसा अभ्यास संभव हो पा रहा है।
थराली, हरिद्वार और देहरादून में सुबह 10 बजे से ही टीमें सक्रिय हो गई थीं। एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, एनसीसी, होमगार्ड्स और पीआरडी के जवान पूरे अनुशासन के साथ विभिन्न स्थानों पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
हल्द्वानी में एमबी इंटर कॉलेज मैदान पर आयोजित मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ, फायर सर्विस, पुलिस बल, आरटीओ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भारी वाहनों और रेस्क्यू उपकरणों के साथ मौजूद रहीं। सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम ने भी मौके पर पहुंचकर अभ्यास का निरीक्षण किया।
उत्तराखंड भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्यों में से एक है, जहां विभिन्न तरह की आपदाओं की आशंका बनी रहती है। इसलिए समुदायों की क्षमता बढ़ाने, पूर्व तैयारी सुनिश्चित करने और प्रशिक्षित बलों की तत्परता परखने के लिए यह मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। डिजिटल ट्विन तकनीक के उपयोग से यह संभव हो पा रहा है कि बिना किसी वास्तविक खतरे के भूकंप, बाढ़ या आग जैसी आपदा स्थितियों का आकलन और प्रभावी प्रतिक्रिया का अभ्यास किया जा सके।
अभ्यास में बहुमंजिला आवासीय भवन के ढहने, अस्पताल के आंशिक ध्वस्त होने, स्कूल व कॉलेज की इमारतों में बच्चों के फंसने जैसी संभावित स्थितियों को दर्शाकर उनका रेस्क्यू ऑपरेशन भी शामिल किया गया है।







