रेस्क्यू का आज 16वां दिन : हटाया गया ऑगर मशीन का मलबा 

पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल पहुंचे सिल्कयारा टनल बचाव स्थल

 

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी

देहरादून। दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार कोई न कोई बाधा आने से सफलता नहीं मिल रही। रेस्क्यू का आज 16वां दिन है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू सिलक्यारा पहुंच गए हैं। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि हम प्रगति कर रहे हैं। हम जो प्रगति कर रहे हैं उससे मुझे टीम पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है। मैन्युअल ड्रिलिंग अभी शुरू नहीं हुई है जैसे ही इसे शुरू किया जाएगा, हम जल्दी कामयाबी की ओर बढ़ेंगे। 1-2 मीटर क्षतिग्रस्त पाइप को हटाने पर पूर्व इंजीनियर-इन-चीफ और बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह (रिटायर्ड) ने कहा कि मौजूदा स्थिति में जो ऑगर मशीन फंसी थी, उसे हटा दिया गया है। क्षतिग्रस्त पाइप के 1.5 मीटर हिस्सा को निकालने का प्रयास जारी हैं। इसे हटाने, मजबूत करने और मलबा हटाने के बाद सेना की मदद से कुशल मजदूर इसमें जाएंगे। हमें उम्मीद है कि यह जल्द ही किया जाएगा। सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिल 36 मीटर तक की जा चुकी है। वहीं दूसरी तरफ प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू बैठक के लिए मीटिंग हॉल की तरफ रवाना। बैठक में रेस्क्यू ऑपरेशन जुड़े अधिकारियों के साथ करेंगे चर्चा। माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने बताया कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया। मैन्युअल ड्रिलिंग संभवत: तीन घंटे के बाद शुरू होगी। हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है। जल्दी हो सकता है या थोड़ा लंबा हो सकता है। अगर हम कुछ जालीदार गर्डर से टकराते हैं। तो हमें जाली गर्डर को काटना होगा, लेकिन हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला व मुख्य सचिव एसएस संधू सिलक्यारा पहुंच गए हैं। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग के मुहाने के पास बने मंदिर में पूजा-अर्चना की। ऑगर मशीन की विफलता के बाद, फंसे हुए 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू हुई थी। उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इसमें (बचाव अभियान) सभी ने काफी प्रयास किया है। उन्होंने मशीन का आधा हिस्सा काट दिया है। पाइप के आगे का हिस्सा मुड़ गया है फिर ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। टनकपुर से जो श्रमिक फंसे थे, मैं उनके परिवार से मिला। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।

सिलक्यारा सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी है। अभी तक 30 मीटर तक ड्रिलिंग कर ली गई है। वहीं सुरंग के अंदर फंसे ऑगर मशीन के ऑगर (बरमे) को बाहर निकाल लिया गया है। अब यहां मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सेपर्स की निगरानी में आगे बढे़गा। यहां मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग विधि अपनी जाएगी, जिसमें छोटी-छोटी सुरंगे खोदी जाती हैं, कोयले की खदान में इस तरह की सुरंगें बनाई जाती है।

Ad

सम्बंधित खबरें