मलबे की चपेट में आकर दो गौशाला और चार मकान क्षतिग्रस्त

चमोली। जिले के पगनो गांव में गुरुवार रात भारी बारिश के बाद मलबा गिरने से गंभीर नुकसान हुआ है। मलबे की चपेट में आकर दो गौशाला और चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मलबे के ढेर घरों के आगे जमा हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों को रात में जान बचाकर भागना पड़ा। स्थानीय निवासी बदरी प्रसाद सुंदरियाल ने बताया कि अचानक हुई तेज बारिश के बाद मलबा गांव में आ गया, जिससे रात भर ग्रामीण इधर-उधर जान बचाने के लिए भागते रहे। इस प्राकृतिक आपदा के कारण गांव में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया है और कई परिवार खतरनाक परिस्थितियों में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश होते ही मलबा गांव में घुस जाता है, जिससे खेत, खलियान और रास्ते सभी मलबे से ढक गए हैं। दिन में मलबा आने का पता चलता है, लेकिन रात को बारिश होने पर स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जिससे ग्रामीण ठीक से सो नहीं पाते।

वहीं टिहरी के भिलंगना ब्लाक के आपदा प्रभावित ग्रामीणों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। गौरतलब हो कि 21 अगस्त को बादल फटने से क्षेत्र में भारी तबाही मची थी। वहीं अब लगातार हो रही बारिश से घुत्तू क्षेत्र में जमीन धंसने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसी स्थिति में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, टिहरी में लगातार बारिश के कारण घुत्तू क्षेत्र के मेंडू गांव के कनियाज और भाटगांव में तबाही मची हुई है। इस दौरान भारी आपदा में इन गांवों में स्थित कई मकानों में दरारें पड़ गई है। इसमें करीब 31 परिवारों ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने घर खाली कर दिए हैं। इसी के साथ इनमें से कुछ परिवारों ने गांव के प्राथमिक स्कूल में शरण ली है। वहीं शेष परिवार किराए के मकान में रह रहे है, जिसके लिए प्रशासन द्वारा किराया दिया जा रहा है। वहीं भिलंगना नदी से हो रहे कटाव के चलते गांव पर खतरा मंडरा रहा है। एसडीएम ने जानकारी दी है कि प्रभावितों को आपदा मानकों के तहत सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त प्रभावित क्षेत्रों का भू-गर्भीय टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के बाद विस्थापन की कार्रवाई की जाएगी।

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