नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उधमसिंह नगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण नियमावली के उल्लंघन को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को तय की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव की प्रक्रिया चलती रहेगी, लेकिन उधमसिंह नगर जिले का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। यह परिणाम याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर रहेगा।
उधमसिंह नगर निवासी और जिला पंचायत अध्यक्ष पद के दावेदार जितेंद्र शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2011 की जनगणना के आधार पर कराए हैं, जबकि वर्तमान में जिलों की जनसंख्या संरचना में बड़ा बदलाव आया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि ओबीसी वर्ग की सर्वाधिक जनसंख्या हरिद्वार, उत्तरकाशी, उधमसिंह नगर और देहरादून में है।
जितेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आरक्षण तय करते समय न केवल जनसंख्या अनुपात की अनदेखी की, बल्कि सबसे अधिक ओबीसी जनसंख्या वाले हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव ही नहीं कराए। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 13 जिलों में आरक्षण का आकलन कर दिया। याचिकाकर्ता का कहना है कि आरक्षण का रोस्टर नियमों के अनुसार दोबारा तैयार कर ही चुनाव कराए जाएं।
उधमसिंह नगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी अजय मौर्य निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के चलते चुनाव आयोग 27 अगस्त तक उनके निर्वाचन की आधिकारिक घोषणा नहीं करेगा।
