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देहरादून: उत्तराखंड के संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कल से चल रहे विवाद के बाद आज विधानसभा में अपने पूर्व बयान पर खेद जताया। विधानसभा के बजट सत्र के पांचवे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने मंत्री से माफी की मांग की और इसके बाद एक विपक्षी सांसद ने सदन में कागज फाड़कर अपनी सीट से उठकर विरोध दर्ज किया। वहीं, मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को उनके साथी मंत्रियों और विधायकों का भी समर्थन नहीं मिल पाया।
प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में रह रहे सभी लोग उनके परिवार की तरह हैं और वह किसी भी अनजाने बयान पर खेद जताने में संकोच नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।
मंत्री ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। उनका उद्देश्य यह था कि उत्तराखंड एक गुलदस्ता है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों के लोग रहते हैं, और यह राज्य हम सभी का है। उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड में पैदा हुआ, यहीं पला-बढ़ा, और यहीं मुझे जीवन व्यतीत करना है और यहीं मरना है।”
प्रेमचंद अग्रवाल ने यह भी कहा कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुईं हैं तो उन्हें खेद है। उनका उद्देश्य कभी भी किसी को दुख पहुंचाने का नहीं था।
उन्होंने यह भी कहा कि हम सब एक परिवार की तरह हैं और परिवार में किसी को पीड़ा पहुंचाना उनका उद्देश्य नहीं था। वह परिवार के सामने खेद प्रकट करने में संकोच नहीं करते हैं।
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