
देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इसके मास्टरमाइंड को छत्तीसगढ़ के भिलाई से गिरफ्तार कर लिया है। यह वही गिरोह है जिसने वर्ष 2024 में सेना से रिटायर्ड सूबेदार मेजर के साथ 34 लाख 17 हजार रुपये की ठगी की थी। आरोपी की पहचान हर विलास नन्दी, निवासी जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ के रूप में हुई है, जो लंबे समय तक दुबई में रह चुका है और वहीं से अपने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स और ईमेल आईडी बनाकर पूरे नेटवर्क को संचालित करता था।
2024 में देहरादून के भानियावाला क्षेत्र में रहने वाले एक रिटायर्ड सेना अधिकारी ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि फेसबुक पर एक ट्रेडिंग एप देखकर उसे डाउनलोड किया, जिसके ज़रिए वे “अपोलो एकेडमी ग्रुप” नामक फर्जी विदेशी इन्वेस्टमेंट कंपनी से जुड़ गए।
इस ग्रुप में खुद को असिस्टेंट बताने वाली “जसलीन कौर” नामक महिला ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म भेजा और निवेश की प्रक्रिया शुरू कराई। एक कथित ट्रेडिंग गुरु जॉन पीटर हुसैन हर दिन ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स देता था।
पीड़ित ने विश्वास में आकर अलग-अलग तारीखों में 34,17,000 रुपये विभिन्न खातों में जमा कर दिए।
जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपना फेसबुक और ईमेल अकाउंट दुबई में बनाया था, जबकि ठगी के लिए उपयोग किए जा रहे बैंक खाते और मेल आईडी फिलीपींस से ऑपरेट हो रहे थे। ठगी की गई राशि आरोपी के खाते में ट्रांसफर होकर अंततः दुबई में निकाली गई।
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी हर विलास नन्दी 10 साल तक दुबई में रहा और वर्तमान में भिलाई की एक इस्पात कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत था। वह अपने संपर्क में आने वाले मजदूरों को बहला-फुसलाकर उनके बैंक खाते खरीदता था, जिनका उपयोग साइबर अपराध में किया जाता था।
गिरफ्तारी की भनक लगते ही आरोपी छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में छिप गया। लेकिन एसटीएफ की टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और ठोस सुरागों के आधार पर उसे भिलाई से ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से यूएई, ओमान और अमेरिका की विदेशी मुद्रा, यूएई रेजिडेंट कार्ड, भारतीय आधार कार्ड, पेन कार्ड और एटीएम कार्ड बरामद हुए।
आरोपी के खाते में मात्र एक महीने में 3 करोड़ 46 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है। NCRP पोर्टल पर जांच में पता चला कि आरोपी के खिलाफ देशभर में कुल 37 शिकायतें दर्ज हैं।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर फर्जी इन्वेस्टमेंट ग्रुप बनाते हैं, लोगों को भारी मुनाफे का लालच देकर फर्जी ट्रेडिंग एप्स डाउनलोड करवाते हैं और फिर उनसे मोटी रकम वसूल कर ठगी कर लेते हैं।
