उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (RIMC) के कैडेट्स को संबोधित किया

**देहरादून, 1 सितंबर**: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (RIMC) के कैडेट्स को संबोधित किया। उन्होंने कैडेट्स से आह्वान किया कि वे अपने संस्थान के आदर्श “बल विवेक” को चरितार्थ करें और जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और ज्ञान का विकास करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ताकत और विवेक का संयोजन चुनौती का सामना करते समय अभेद्यता उत्पन्न करता है।

उन्होंने युवाओं से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने का आग्रह किया और कहा कि देश की सेवा को गर्व और निर्भीकता के साथ करें। उपराष्ट्रपति ने RIMC के पूर्व छात्रों और समुदाय से अनुरोध किया कि वे एक थिंक टैंक के रूप में काम करें और युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें। उन्होंने कहा कि जो लोग देश की आर्थिक वृद्धि और विकास यात्रा को नहीं मानते, उनके खिलाफ कदम उठाने की आवश्यकता है।

श्री धनखड़ ने कैडेट्स को यह भी याद दिलाया कि जीवन में कठिनाइयों का सामना करने से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “जीवन में विफलता से न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है। डर आपकी प्रतिभा के उपयोग और संभावनाओं की प्राप्ति में बाधा डालता है।”

उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान मिशन की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि चंद्रयान 2 की आंशिक विफलता के बाद भी, भारत ने चंद्रयान 3 के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड कर इतिहास रच दिया। उन्होंने RIMC और सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती की सराहना की, इसे लिंग समानता और न्याय के लिए महत्वपूर्ण प्रगति बताया। इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि), RIMC के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल, कैडेट्स, शिक्षकगण और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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