सात साल की उम्र में अगवा कर छोड़ दिया गया एक बच्‍चा 22 साल बाद अपने परिवार से मिला।

यूपी के मुजफ्फरनगर में सात साल की उम्र में अगवा कर छोड़ दिया गया एक बच्‍चा 22 साल बाद अपने परिवार से मिला। हरियाणा पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने आठ महीने की लंबी मशक्कत के बाद लापता युवक को उत्तर प्रदेश में उनके परिवार से मिलवाया। अमित सात साल की छोटी उम्र में ही अपने परिवार से बिछड़ गए थे और 29 साल की उम्र में परिवार से मिले हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

कथित तौर पर अपहरण किए जाने और बाद में छोड़ दिए जाने के बाद सात साल की उम्र में अपने परिवार से अलग हो गए अमित दिल्ली में अलग-अलग बाल गृहों में पले-बढ़े। जांच का नेतृत्व करने वाले हरियाणा पुलिस की मानव तस्करी विरोधी इकाई (एएचटीयू) के सहायक उप-निरीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि अमित अपने परिवार से मिलने के लिए पिछले कई साल से संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह एक लापता बच्चे के मामले के सिलसिले में दिल्ली गए थे। जहां अमित ने अपनी आपबीती बताई। एएसआई राजेश कुमार ने अमित की पूरी व्यथा सुनी और आश्वत किया था।

मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े

आखिरकार टीम मुजफ्फरनगर में अमित के मामा तक पहुंच गई, जिन्होंने कहा कि अमित की मां अब उसी जिले के घुमावटी गांव में रह रही हैं। एएसआई और टीम ने आखिरकार महिला का पता लगा लिया और अमित को उनकी मां से मिला दिया। दो दशकों के बाद अपने बेटे को गले लगाते हुए अमित की मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। पूरे परिवार ने पुलिस टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। एएसआई कुमार और उनकी टीम ने अब तक 800 लापता व्यक्तियों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की है।

अमित को दो शब्द थे याद

अमित को केवल इतना याद था कि उनके गांव में कोल्हू चलते थे। इसके अलावा उन्हें केवल बाला चौक शब्द की स्मृति थी। केवल इन्हीं शब्दों के आधार पर एएसआई राजेश कुमार ने अमित के परिवार की तलाश शुरू की। उन्होंने तकनीक तथा अन्य पहलुओं से जांच पड़ताल करना शुरू किया। उन्होंने ऐसे स्थानों को सूचीबद्ध किया जहां पर कोल्हू चलते थे और बाला चौक के नाम से प्रचलित स्थानों को भी ढूंढना शुरू किया।

माता-पिता अलग हो गए थे

मामले के बारे में जानकारी साझा करते हुए राजेश कुमार ने कहा कि अमित के माता-पिता 22 साल पहले अलग हो गए थे। जिसके बाद वह उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक गांव में अपने नाना के साथ रह रहे थे। कुछ देर बाद उसके पिता आए और अमित को अपने साथ सहारनपुर ले गए। एक दिन जब अमित पास की दुकान से कुछ सामान खरीदने के लिए बाहर गया था, तो कथित तौर पर किसी ने उसका अपहरण कर लिया था।

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