
भारत-चीन सीमा पर स्थित चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए भीषण हिमस्खलन में फंसे मजदूरों को बचाने का कार्य जारी है। कल से शुरू किए गए रेस्क्यू अभियान में सेना और आईटीबीपी की टीमों ने 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है। छह घायलों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से ज्योर्तिमठ सेना चिकित्सालय पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पहुंचे और यहां लाए गए घायलों का हालचाल लिया।
माणा में हुए हिमस्खलन के मद्देनजर, आज जीओसी इन सी सेंट्रल कमांड, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी उत्तर भारत एरिया और डीजीबीआर घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं। यदि मौसम अनुकूल रहा, तो लेफ्टिनेंट जनरल सेनगुप्ता मीडिया को घटनास्थल पर ब्रीफ करेंगे। बर्फ में फंसे एक और घायल मजदूर को ज्योर्तिमठ लाया गया है, और अब आठ मजदूरों की तलाश जारी है। सुबह से दस मजदूरों को रेस्क्यू किया गया है, जबकि अब तक कुल 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
चमोली के माणा में हिमस्खलन की स्थिति को देखते हुए एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट से अलर्ट जारी किया गया है और तीन हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीमों को जौलीग्रांट, सहस्रधारा और गोचर में तैनात किया गया है। मौसम साफ होते ही इन टीमों ने हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू उपकरणों के साथ उड़ान भरी। गोचर और सहस्रधारा में आठ-आठ व्यक्तियों की दो टीमों और जौलीग्रांट में बटालियन की दस सदस्यीय टीम को तैनात किया गया है। इन टीमों को सेटेलाइट फोन और बर्फ में रेस्क्यू के लिए जरूरी उपकरण दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, एसडीआरएफ को अलर्ट पर रखा गया है। यदि घायलों को एम्स ऋषिकेश लाया जाता है, तो ढालवाला की टीम को भी अलर्ट किया गया है। पुलिस महानिदेशक रिधिम अग्रवाल ने बताया कि हाई-एल्टीट्यूड रेस्क्यू के लिए तीन टीमों को आवश्यक उपकरणों के साथ तैनात किया गया है, और मौसम ठीक होते ही यह टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। इन टीमों में प्रशिक्षित जवान शामिल हैं।
