माउली धरती मौलिया आकाश घट-घट मौलिया आतम प्रगास

देहरादून 14 जनवरी। साहिबे कमाल, सरबंस दानी श्री गुरू गोबिंद सिह महाराज के परोपकारी जीवन के अनमोल इतिहास को याद करते हुए मकर संक्राती के अवसर पर श्री गुरूद्वारा साहिब डाकरा मे चल रहे गुरू ग्रन्थ साहिब के अखण्ड पाठ का भोग विधिवत रूप से संपन हुआ। हजूरी रागी गुरूद्वारा डाकरा भाई जसबीर सिंह द्वारा कीर्तन एवं अरदास की गई। हरि जस कीर्तन काउंसिल ने शब्द कीर्तन ‘सूरा सो पहचानिए जो लरे दीन के हेत, पूरजा-पूरजा कट मरे कबहू न छाड़े खेत’ ‘राख लेहो हम ते बेगारी’ ‘सब अवगुण मैं गुण नही कोई’ ‘बिन सतगुरु मुक्त न पाइए, मन मुख फिरे दीवान’ ‘भूले मार्ग जीने बताया, ऐसा सतगुरु वड भागी पाया’ का कीर्तन किया गया।इसके उपरांत दरबार साहिब अमृतसर (पंजाब) से भाई शमन दीप सिंह ने ” माउली धरती मौलिया आकाश घट घट मौलिया आतम प्रगास”। “दिलो मोहोबत जिन सेइ सच्चया, जिन मन होर मुख होर से कांडे कचेय।” “मैं गरीब मैं मसकीन तेरा नाम है आधार।” “जे तू मित्त साड्डा हिक भोरी ना विछोड।” जब भाई शमन दीप सिंह ने “सतनाम वाहे गुरू, वाहे गुरू, वाहे गुरू, वाहे गुरू, वाहे गुरू,” का जाप किया तब पूरा माहोल भक्तिमय हो गया और संगता निहाल हो गई। संगतों ने गुरू महाराज का आशीर्वाद लिया व प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान भारी संख्या मे संगतों ने लंगर छका। शब्द कीर्तन व अरदास के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। कार्यक्रम मे गुरूद्वारा साहिब डाकरा के प्रधान दलीप सिह, महासचिव गुरमीत सिह कैथ, देवेन्द्र पाल सिह, सरवण सिह, जगजीत सिह, सुभम सिंह, अमरजीत सिह, अंगददीप सिंह, रंजीत कौर, अमरजीत कौर, जसविंदर कौर, कमलजीत कौर, स्वर्ण कौर, सरबजीत कौर, त्रिलोचन कौर, इन्दर जीत सिंह, पवन कौर, गुरचरण कौर, ज्ञान कौर, मनमीत, हरप्रीत, परमजीत, हरभजन सिंह सोंधी, राजेंद्र कौर, हरदीप सिंह, रघुवीर सिंह, कुलदीप सिंह, हरमहिन्दर सिंह, सुरजीत सिंह, दलजीत सिंह, मनीत सिंह, गुरदीप सिंह, कुलदीप सिंह, हरविंदर कौर, सहित कई श्रद्धालू मौजूद थे।

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