
उत्तराखंड ने देश का पहला राज्य बनकर इतिहास रच दिया है, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कदम को समाज में समानता और एकता को मजबूत करने वाला ऐतिहासिक फैसला बताया।
समान नागरिक संहिता (UCC) क्या है?
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि हर धर्म, जाति और समुदाय के लोगों के लिए शादी, तलाक, संपत्ति और गोद लेने जैसे मामलों में एक जैसे कानून लागू होंगे।
- यह कानून सभी नागरिकों को समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित करता है।
- इससे धर्म या समुदाय के आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म करने की कोशिश की जाती है।
- UCC का मुख्य उद्देश्य समाज में समानता और न्याय स्थापित करना है।
उत्तराखंड में UCC क्यों जरूरी था?
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक राज्य में यह कानून समाज को एकजुट रखने के लिए जरूरी है।
- पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या और सामाजिक असमानता को देखते हुए यह कदम उठाया गया।
- इस फैसले का उद्देश्य महिलाओं और कमजोर वर्गों को समान अधिकार देना भी है।
देश के लिए मिसाल बनेगा उत्तराखंड
उत्तराखंड का यह फैसला बाकी राज्यों के लिए प्रेरणा बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राष्ट्रीय स्तर पर समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में एक मजबूत शुरुआत है।
मुख्यमंत्री ने इसे राज्य के विकास और समाज में समानता लाने के लिए ऐतिहासिक पहल बताया।
